मेरी प्यारी चश्मिश नयना

"ये पोस्ट मेरी दोस्त को समर्पित है"  

श्मिस 👓
कॉलेज शुरू हो चुका था। और नये-नये चेहरे देखने को मिल रहे थे। उन्हीं मे से एक चेहरा उसका भी है।  जिसका नाम नयना था ..खूबसूरत तो नहीं कहूँगा मगर बेहद ही क्यूट सी थी वह। उसकी आँखों में दूरबीन की भाँति एक चश्मा था, और आपको तो पता ही है कि चश्मिश लड़कियां बेहद क्यूट दिखती हैं और उसकी क्यूटनेस मे चार चाँद लगाती है उसकी खूबसूरत मुस्कुराहट, जो उसके होंठों पे हमेशा रहती थी वह B.Sc. की प्रथम वर्ष की छात्रा थी, दो-तीन दिनों तक नयना के नैनों की तरफ देखने पर उसकी एक और ख़ास अदा से वाकिफ़ हुआ कि वह चश्मा पूरा सटाकर नहीं पहनती थी, अक्सर थोड़ी नीचे ही रहता था। एक दिन  ऐसे ही वह अपने नये दोस्तों के साथ कक्षा  की ओर आ रही थी कि एक लड़का नयना को देखकर उँगली से कुछ इशारा करता है। नयना देखकर नजर-अंदाज करके निकल जाती है मगर उसकी सहेलियां पूछती हैं  की वह पागल क्या इशारा कर रहा था अपनी उँगली से..
नयना- अरे छोड़ न, ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देते मगर मुझे भी पता नहीं क्या इशारा कर रहा था,
कॉलेज में हर दिन वह लड़का जब भी नयना को देखता, मुस्कुराके उँगली से कुछ इशारा करता। सहेली सब कहती है की चलो न सर को कम्पेलन कर देते हैं मगर नयना कहती है की हम लड़कियाँ किस-किस की कम्पेलन करेंगे हाँ? एक बाप और भाई के अलावा बस कुछ अच्छे मर्दों की पनाह में सुरक्षित है। वर्ना हर मोड़ पे हम पर कमेंट्स वाले लोग हैं। पढ़ाई में ध्यान दो बस। 
 मगर एक दिन तो हद ही हो जाती है। उस दिन नयना ने अपना चश्मा कुछ ज्यादा ही नीचे कर रखा था, उस समय उसके साथ बहुत सारे स्टूडेंट्स थे। वह रोज उँगली से इशारा करने वाला लड़का आज  नयना के पास जाकर अचानक उसके चश्मे को हाथ लगाता है, नयना तुरंत थोड़ी पीछे हटकर उसको एक तमाचा जड़ देती है। आस-पास के कुछ लड़के भी आकर उसके गाल पर एक-दो हाँथ की मदद कर देते हैं। नयना भीड़ जमा देख जल्दी से क्लास रूम की ओर भाग जाती है। नयना खुद हैरान थी कि उसे गुस्सा क्यों आया। और थोड़ी राहत भी थी की वह कमजोर नहीं है। कुछ लडके मिलकर नयना से कहते हैं की कॉलेज प्रशासन से शिकायत करो उस बदमास की, हम साथ हैं आपके...मगर नयना कुछ नहीं कहती,।
दूसरे दिन नयना कॉलेज आती है मगर वह लड़का कहीं नहीं दिखता,
सभी यही सोचते हैं कि शायद शर्मिन्दा हो गया होगा, मगर अचानक उस दिन नयना की एक सहेली वासरूम में  फिसल के गिर जाती है। पैर में भारी मोच आने की वजह से उस कुछ दोस्त मिलकर उसको हॉस्पिटल लाते हैं। नयना अपनी दोस्त को एक रूम में छोड़कर कुछ सहेलियों के साथ हस्पीटल मे घूमती है की..उसकी नजर उसी लड़के पर पड़ती है जो उगलीयो से इशारा करता था और जो नयना और कुछ लडके के हाथों का मार खा चुका था, लड़के के सामने बेड पर कोई 10- बारह साल की एक लकवे की मारी बच्ची थी जो उसकी तरह ही चश्मा पहने थे, लकवे की मार मुँह और दोनों हाथों मे थी, लड़का उस वक्त बच्ची को खाना खिला रहा था,
बच्ची ठीक से बोल नहीं पाती थी,
लड़का - ले अब थोड़ा सा बचा है खाले फिर हम घूमने चलेंगे ।
बच्ची- बत भैया नहीं थाना मुदे।
लड़का -अरे पगली ठीक से नहीं खायेगी तो जल्दी बड़ी कैसे होगी बोल तू?
बच्ची- मैं बली होके भी तय्या तोलूंगी भैया। न मुदे कोई पतंग कलेगा न कोई तादी कलेगा😢😢
लड़का - छी...कीतनी गंदी बात करती है तू, तू तो परी जैसी है तूझे तो हर कोई अपना बनाना चाहेगा😢
बच्ची - एक तो मैं बिमाल हूँ और तसमीस(चशमीस) भी, तोन पतंग कलेगा तुमाली पली को भैया 😢
लड़का- अरे मेरी गुड़िया तूझे पता नहीं है मगर चशमीस लडकीया अच्छे लडको की पहली पशंद होती है। बड़ी ही क्यूट और मासूम दिखती है। खूबसूरत दिखने के लिए मेकअप जरूरी है मगर क्यूट दिखने के लिए बस एक चश्मा पहन और होठो पे एक प्यारी सी मुस्कान चाहिए। 
 बच्ची - तुम धूत बोलते हो भैया ।
कतम खाओ तो की मैं खूबतूलत तीउत हूँ? 
लड़का - कसम तो नहीं खाउंगा रे मेरी गुड़िया । मगर जिस दिन तेरा भाई झूठ बोलेगा तूझसे। उसी दिन तेरे भाई की सांसे रूक जायेगी 😢😢 इतना कहकर वह अपनी बहन के निचे हुये चश्मे को उँगली से उपर उठा देता है।
बच्ची - भैया तुम एक लस्सी बान दो मेले तशमे में की वह न गीले बाल बाल,
लड़का- क्यों बांधना, मैं किसलिये हूँ? मैं उठाता रहूँगा न बार बार ।
बच्ची - मगल भैया कब तक,? तेली थादी होगी । फिल तू कैसे तू अपनी गुलीया के तशमे को बाल बाल उठाता रहेगा । भाभी तो बोत नालाज हो दायेगी ।
लड़का - जब तक तु ठीक नहीं हो जायेगी तब तक मैं शादी नहीं करूँगा ।
बच्ची - मैं कबी तिक नहीं हुई तो भैया 😢?
लड़का - जोड़ से गले लगाकर अपनी बहन को कहता है की...ऐसा तो कभी होने न दूंगा। यंहा एक भाई की इज्जत दाँव पे लगी है। येदी भाई भी हार गया तो भगवान को खुद शर्मीदा होना पड़ेगा की...उनकी सृष्टि की अनमोल खूबसूरत सृष्टि की रचना लड़कीयो की हिफाजत कौन करेगा, क्योंकि एक लड़की एक अच्छे बाप एक अच्छा भाई और अच्छे इसानो के बिच मे ही महफूज है येदी ऐसा न होता तो कब की दुनिया से बेटी नाम की खूबसूरत सृष्टि कबकी बिलुप्त हो जाती गंदे लोगों की हवस में 😢😢
बच्ची - मत लो भैया । तू तो मेले लिए सबकुत है। मैं दल्दी तीक हो दाउंगी और तुम कीसी तशमे वाली को भाभी बनाना, तुम भाभी की तशमा उपर कलना और भाभी मेली कलेगी😢
लड़का इतना सुनते ही अपनी गालो मे हाथ रखकर सहलाता है
बच्ची - त्या हुआ भैया गालो को?
लड़का - अरे कुछ नहीं पागल ।
बाहर खड़ी नयना की पलकों मे ढेरों सारा पानी था भाई बहन के प्यार को देखकर, उसे खुद से नफरत सी होने लगी की मैंने क्यों हाथ उठाया उस सीधे इंसान पर। फिर अपनी पलकों के आशूओं को साफ करके डाक्टर से मिलके उस बच्ची के बारे मे पूछती है।
डाक्टर कहते हैं की बड़ी अद्भुत मोहब्बत है इन दो भाई बहन में। ऐ लड़का दिन को कॉलेज जाता है और रात को स्टेशन पे रिक्शा चलाता है। एक बिधवा माँ है और एक बहन। ऐ बच्ची बहुत जल्दी ठीक हो जायेगी क्योंकि अभी तो बहुत ज्यादा ठीक है वर्ना पहले तो बदतर थी हालत, वह उँगली से इसारा करता है की चश्मा उपर कर, कोशिश करती है उसकी बहन, मगर जब कर नहीं पाती तो खुद जाके उठा देता है। कमबख्त दोनों बहुत रूलाते है हमें अद्भुत प्यार दिखाकर, अब नयना सब समझ जाती है की लड़का उगलीयो से क्या इसारा करता था,
नयना- डाकटर साहब क्या हम बच्ची की मदत कर सकते है?😢
डाकटर- कैसी मदत?
नयना- आर्थिक मदत,
डाक्टर  मुस्कुराके कहते है की ये जो बिमारी है न आर्थिक मदत से नहीं मोहब्बत और प्यार से ठीक होती है।
जब पहली बार आई थी तो हम खुद हैरान थे की कैसे ठीक होगी, मगर एक भाई ने जादू कर दिया अपनी मोहब्बत से। 
नयना ये सुनते ही वहाँ से निकल पड़ती है। 
दूसरे दिन नयना कॉलेज आने के लिए घर से जल्दी निकल जाती है और उसकी पहली मंजिल थी हस्पीटल की वह प्यारी से बच्ची।
वह अपने साथ गुड़िया मिठाई फल फूल सब लेके आती है। और बच्ची के साथ हंसकर खेल रही होती है की तभी लड़का भी आ जाता है। 
नयना तुरंत खड़ी हो जाती है और कुछ न समझते हुए अपने दोनों हाथ लड़के के आगे जोड़ देती है। सबकी नजर उनपे आ टीकती है। पर लड़का नयना के हाथों को झटकर कर सीधे उसकी चश्मे को उपर करता है और जल्दी से अपने हाथ अपने गालो पे रखता है। 
नयना मुस्कुराहट देती है और बच्ची की ओर झूककर बच्ची के चश्मे को उपर करती है की तभी बच्ची बोलती है। 
कितने धूते हो तुम भैया । मूदे बोला की मेले ठीक होने तक थादी नहीं कलेगा और तुपके से भाबी भी ले आया
मगल अच्छी है भाबी...मेली तलह चश्मीस..मगल मुदसे भी क्यूट और खूबसूलत...
नयना के साथ साथ सभी हस्पीटल के लोग हंसने लगते हैं मगर वह पागल बेवकूफ शर्मा जाता है जो अपनी छोटी बहन की सेवा करते हुए जो कभी न शरमाया था।
"यदि आपको बेहद खूबसूरत दिखना है तो...
बस आप अच्छे बन जाओ...
जैसे वह मेरी अजनबी चश्मीस नयना थी...


#मेरी_चश्मिस 

Comments

Unknown said…
प्रथम व्याकरण अशुद्धि ठीक करे । अनुच्छेद प्रथम पंक्ति दुतीय
"उन्ही में एक लड़की भी थी,जिसका नाम नयना "थी"।"
Amardeep Sahu said…
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसन्द आयेगी

आप लोगों के प्रतिउत्तर सादर आमंत्रित हैं ।

धन्यवाद
आपका छोटा भाई *अमरदीप*
Amardeep Sahu said…
Bhai Anuj Agrawal

आगे से इस बात का जरूर ध्यान रखा जायेगा आपको

हुई असुविधा के लिए हमें खेद है

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