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Showing posts from 2019

औरत के विभिन्न रूप

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औरत कांच की सतह की तरह पारदर्शी है इसमें आप देख सकते है अपना प्रतिबिम्ब जितना अधिक प्यार से इसे पोछेंगे, उतनी अधिक चमकदार आपका प्रतिबिम्ब होगा.. औरत के अंदर आप छुपे होते हैं विभिन्न रूप में आपकी छवि उसकी लज्जा के अंदर है अगर आप जिद से इसे तोड़ते हैं.... तो आपकी छवि हज़ार टुकड़ों में बिखर जाएगी और लाख कोशिश के बाद भी मोहक प्रतिबिम्ब के लिए तरस जाओगे जब भी हाथ फेरोगे इन टूटे जुड़े टुकड़ों पर हमेशा एक जख्म पाओगे अपने हाथों में स्त्री सर्वश्रेष्ठ उपहार है जो ईश्वर ने दिया है माँ,बहन,पत्नी,सच्ची दोस्त के रूप में! उनका सम्मान , उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए । ✍✍ -: अमरदीप साहू "दीप" छात्र - डी.बी.एस. महाविद्यालय , कानपुर विश्वविद्यालय कानपुर

मेहनत और मशक्कत // Amardeep Sahu Deep

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"मशक़्क़त" मेहनत भी पूरी मशक्कत से हो तो फल मिलता है। हम हमारे थकने तक के सफर को हमारी मेहनत की पराकाष्ठा मान लेते है। इसी धरती पर सौ मीटर दौड़ कर हाँफने वाले भी मिल जायेंगे और पचास किलोमीटर की मैराथन रेस  दौड़कर भी चेहरे पर मुस्कुराहट कायम रखने वाले भी मिल जायेंगे। हमारी कल्पनाओं ने जितनी जमीन मापी है हमारा सफर उससे बस एक इंच आगे नहीं जाना चाहता है। उसके आगे ताकत होते हुए भी हम स्वयं को थका हुआ पायेंगे। अपनी दृढ़ता, मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता को आम भीड़ से अलग स्तर पर ले जा कर स्थापित करो। आपकी सफलता की राह में सबसे बड़ा रोड़ा दुनियां के लोग नहीं बनेंगे। आपकी दुर्बल भावनाएं आपकी दौड़ का दायरा घटा देगी। सारी दुनियां आपको हारा हुआ मान ले लेकिन आपका मंतव्य ऐसा नहीं है तो जल्दी ही दुनियां को आपके प्रति बनाई धारणा बदलनी पड़ेगी। बेशक बड़े इरादों के लिए चुनाैतियाँ भी बड़ी ही होगी। हर व्यक्ति के लिए सफलता की अपनी स्वयं की परिभाषा है। आपकी परिभाषा दूसरे से अक्षरश: कभी नहीं मिलेगी। आपके भीतर सफलता की भूख की तीव्रता भी अलग स्तर की होगी। मेहनत और मशक्कत में अंतर है। बड़ी कामयाबियों के लिए

ईर्ष्या और हमारा जीवन // Jealous and our life // Amardeep Sahu Deep

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ईर्ष्या और हमारा जीवन 🌷एक बार एक महात्मा ने अपने शिष्यों से कहा कि वे कल प्रवचन में अपने साथ एक थैली में कुछ आलू भरकर लाएं। साथ ही निर्देश भी दिया कि उन आलुओं पर उस व्यक्ति का नाम लिखा होना चाहिए जिनसे वे ईर्ष्या करते हैं। अगले दिन किसी शिष्य ने चार आलू, किसी ने छह तो किसी ने आठ आलू लाए। प्रत्येक आलू पर उस व्यक्ति का नाम लिखा था जिससे वे नफरत करते थे। अब महात्मा जी ने कहा कि अगले सात दिनों तक आपलोग ये आलू हमेशा अपने साथ रखें। शिष्यों को कुछ समझ में नहीं आया कि महात्मा जी क्या चाहते हैं, लेकिन सभी ने आदेश का पालन किया। दो-तीन दिनों के बाद ही शिष्यों को कष्ट होने लगा। जिनके पास ज्यादा आलू थे, वे बड़े कष्ट में थे। किसी तरह उन्होंने सात दिन बिताए और महात्मा के पास पहुंचे। महात्मा ने कहा, ‘अब अपनी-अपनी थैलियां निकाल कर रख दें।’ शिष्यों ने चैन की सांस ली। महात्मा जी ने विगत सात दिनों का अनुभव पूछा। शिष्यों ने अपने कष्टों का विवरण दिया। उन्होंने आलुओं की बदबू से होने वाली परेशानी के बारे में बताया। सभी ने कहा कि अब बड़ा हल्का महसूस हो रहा है।… महात्मा ने कहा, ‘जब मात्र सात दिनों मे

लड़के भी रोते हैं // Boys also cry // Amardeep Sahu Deep

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🎓..... लड़के भी रोते हैं .....🎓 घर में बच्चे लेकिन बाहर मशहूर होते हैं . अजी लड़के भी रोते हैं जब घर से दूर होते हैं , लड़के भी घर से बाहर मम्मी के बगैर होते हैं . यदि लड़की घर की लक्ष्मी तो लड़के भी कुबेर होते हैं , बस यादें ही जा पाती हैं अपने गांव की जमीनों तक. लड़के भी कहाँ जा पाते हैं कई साल,महीनों तक, अपनों की सपनों के खातिर ये भी मजबूर होते हैं. अजी लड़के भी रोते हैं जब घर से दूर होते हैं। हमेशा सोचते है घर के बारे में पर खड़े कहीं और होते हैं सिर्फ लडकियां ही नहीं लड़के भी दिल के बडे़ कमजोर होते हैं विश्व जीतने का एक सिंकदर इनमें भी होता है. बस रोते नहीं पर एक समंदर इनमें भी होता है, यदि लड़की पापा की परी तो लड़के भी कोहिनूर होते हैं, अजी लड़के भी रोते हैं जब घर से दूर होते हैं। माना की लड़कियों को घर छोड़ जाने का एक डर होता है लेकिन इनका एक घर के बाद दूसरा घर होता है, माना लड़कों को कोई डर नहीं होता. ये नौकरी तो कई शहरों में करते हैं पर इनका कोई घर नहीं होता, चंद पैसों के खातिर इनके भी सपने चूर होते हैं , अजी लड़के भी रोते हैं जब घर से दूर होते हैं ,....

BIRTHDAY OF BUSY PERSON

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बस नींद नहीं आ रही थी

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You are like a medicine when I was ill due to my own problems .. Thanks For Everything . N ever say you’re happy when you’re really sad. Never say you’re fine when you’re not ok. Never say you feel good when you feel bad and never say you’re alone when you still have me .... दोस्ती में दोस्त, दोस्त का ख़ुदा होता है, महसूस तब होता है जब वो जुदा होता है मुझसे एक दोस्त नहीं बदला जाता   मुझसे एक दोस्त नहीं बदला जाता, चाहे लाख दूरी होने पर लोगों के तो भगवान तक बदल जाते हैं एक मुराद न पूरी होने पर 🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻 लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता, शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!! किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह किसी के दिल में , यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं मिलता……….!! अपने साये से भी ज्यादा यकीं है मुझे तुम पर, अँधेरों में तुम तो मिल जाते हो, साया न

UP Lower PCS exam 2019 papers

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Amardeep Sahu Deep

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विश्व धूम्रपान निषेध दिवस

विश्व धूम्रपान निषेध दिवस / अंतर्राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस को तम्बाकू से होने वाले नुक़सान को देखते हुए साल 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य देशों ने एक प्रस्ताव द्वारा 7 अप्रैल 1988 से मनाने का फ़ैसला किया था। इसके बाद साल हर साल की 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस मनाने का फ़ैसला किया गया और तभी से 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाने लगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 31 मई का दिन निर्धारित करके धूम्रपान के सेवन से होने वाली हानियों और ख़तरों से विश्व जनमत को अवगत कराके इसके उत्पाद एवं सेवन को कम करने की दिशा में आधारभूत कार्यवाही करने का प्रयास किया है। इसी दिशा में प्रतिवर्ष प्रतीकात्मक रूप में एक नारा निर्धारित किया जाता है। वर्ष 2012 में पूरी दुनिया में धूम्रपान के उत्पाद एवं उसके वितरण में धूम्रपान उद्योगों की स्पष्ट भूमिका के दृष्टिगत 31 मई को नारा दिया गया “सावधान! हम बहुराष्ट्रीय धूम्रपान उद्योगों को बंद कर देंगे”। स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नुक़सान :-  भारत में विभिन्न कार्यक्रम इस दिन विभिन्न कार्यक्रम कर लोगों को तम्बाकू से स्वास्थ्य पर पड़ने वा

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