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मेरे पथ पर शूल बिछाकर दूर खड़े मुस्काने वाले - नरेन्द्र दीपक //

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 मेरे पथ पर शूल बिछाकर दूर खड़े मुस्काने वाले दाता ने संबंधी पूछे पहला नाम तुम्हारा लूंगा। आंसू आहें और कराहें ये सब मेरे अपने ही हैं चांदी मेरा मोल लगाए शुभचिंतक ये सपने ही हैं मेरी असफलता की चर्चा घर–घर तक पहुंचाने वाले वरमाला यदि हाथ लगी तो इसका श्रेय तुम्हे ही दूंगा। सिर्फ उन्हीं का साथी हूं मैं जिनकी उम्र सिसकते गुज़री इसीलिये बस अंधियारे से मेरी बहुत दोस्ती गहरी मेरे जीवित अरमानों पर हँस–हँस कफन उढ़ाने वाले सिर्फ तुम्हारा क़र्ज चुकाने एक जनम मैं और जियूंगा। मैंने चरण धरे जिस पथ पर वही डगर बदनाम हो गयी मंजिल का संकेत मिला तो बीच राह में शाम हो गई जनम जनम के साथी बन कर मुझसे नज़र चुराने वाले चाहे जितना श्राप मुझे दो मैं सबको आशीश कहूंगा । मेरे पथ पर शूल बिछाकर दूर खड़े मुस्काने वाले दाता ने संबंधी पूछे पहला नाम तुम्हारा लूंगा ।। ✍️✍️ लेखक - नरेन्द्र दीपक Youtube video -  Click Here

रामधारी सिंह दिनकर // हास्य कविता // #AmardeepSahuDeep

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 बरसों टिंडर पर घूम घूम एफबी पर डीपी चूम चूम सब धूप घाम इंस्टा ट्विटर सिंगल्स आये कुछ और निखर सौभाग्य न सबदिन सोता है देखें ब्लंडर कब होता है समथिंग एल्स समझाने को सबको सुमार्ग पर लाने को                          डेटिंग के लाभ बताने को पलभर कमिटेड हो जाने को सिंगल्स चले डीएम (Direct message) आये विथ हार्ट भेज डाला "हाय" दो वक़्त अगर तो आधा दो पर इसमें भी यदि बाधा हो तो दे दो केवल सात दिवस इस हफ़्ते भर की बात है बस हम वही ख़ुशी से जी लेंगे बीपी का पव्वा पी लेंगे ये दुनिया वो भी दे न सकी लौंडों की दुआएं ले न सकी उल्टे ये मैसेज किया सेंड तुम अच्छे हो बट एज़ अ फ्रेंड जब नाश मनुज पर छाता पहले ह्यूमर मर जाता है सिंगल ने भीषण हुंकार किया "सिंगल पार्टी" का विस्तार किया पउवा पीकर सिंगल डोले फ्रेंडगर्ल कुपित होकर बोले इनकम को बढ़ाकर साध मुझे हाँ-हाँ फटीचर बाँध मुझे यह देख तू मेरा फेश-वाश ..  यह देख तू मेरा हेयर-वाश मेरी खूबशूरती का राज़ देख अपनी बदहाली का हाल देख मृग चंदन की खुशबू से ओत-प्रोत देख तू अपनी इनकम के ...

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