LIC के रूप में पहला प्यार // AmardeepSahuDeep // Story // kahani
ऐसा कहा जाता है कि पहला प्यार कभी नहीं भूलता है और हर दिन यह विचार दिमाग में आता है कि, वह कहाँ होगी, कैसी होगी और क्या कर रही होगी....? एक बार घर पर, मेरा मोबाइल फोन बजा....देखा, एक अज्ञात नंबर था। मैंने फोन उठाया.....सामने से एक मधुर आवाज आई, क्या मैं रवि से बात कर सकती हूं...? आवाज थोड़ी जानी-पहचानी सी लगी....मैंने कहा, हां बोलो, मैं रवि बोल रहा हूं, तुम कौन हो...? उसने कहा....पहचानो मेरा रोल नंबर 69 था। रोल नंबर 69 ने मुझे एक लड़की, प्रियंका की याद दिलाई, जो स्कूल में मेरी एक सहपाठी थी - जिसने स्कूल के समय में, कई प्रयासों के बावजूद मुझे महत्व नहीं दिया था। तुरंत ही मैं घर के बाहर पहुँचा....दिल की धड़कन बढ़ गई, साँस भी रुक गई, क्या करुं ...समझ नहीं आ रहा था कि, कैसे बात करूं...?? वह फिर बोली, तुम कहाँ हो, मैंने तुम्हें कितने सालों से नहीं देखा, मेरे पास तुम्हारा नंबर भी नहीं था। कल ही जीत मिला, उससे तुम्हारा नंबर लिया और तुम्हें फोन किया। अचानक उसने एक और बड़ा बम गिराया, मैं तुमसे मिलना चाहती हूं, कब टाइम है तुम्हारे पास...? मैंने तुरंत जवाब दिया....रविवार को फ्री ...