शिक्षक दिवस Teacher's Day
धूप में छांव जैसी होती है माँ हमारे जीवन की पहली शिक्षक हमारी माँ होती है। हम कितने भी ऊँचे ओहदे पर क्यों न पहुँच जाएँ पर गुरु हमेशा हमसे बड़ा था ,है और रहेगा। जब नन्हा शिशु इस संसार में आता है तो उसको इस नए संसार से परिचय कराने वाली हमारी माँ होती है। एक लड़की के लिए सबसे अच्छी मित्र उसकी माँ होती है ठीक वैसे ही एक लड़के के लिए उसका सबसे अच्छा मित्र उसके पिता होते हैं। अपनी माँ के साथ अमरदीप पिता तो सुबह ही अपने काम पर चले जाते हैं पर शिशु के देखरेख की जिम्मेदारी उसकी माँ पर होती है। सुबह की आरती से लेकर, रसोई की खट-पट, छत पर कपड़े-अचार-पापड़ सुखाते हुए, कढ़ाई-बुनाई करते हुए… या फिर बालों में तेल लगाते हुए, रात में लोरी गाते हुए, कहानी सुनाते हुए… खनकती चूड़ियों से सजे हाथों से दिनभर की अपनी तमाम ज़िम्मेदारियां निभाते हुए बातों-बातों में जीवन की न जाने कितनी गूढ़ बातें सिखा जाना… ये हुनर स़िर्फ मां के पास होता है… न कोई क्लासरूम, न कोई किताब, न कोई सवाल-जवाब… वो बस अपने प्यार, अपनी बातों, अपने हाव-भाव से ही इतना कुछ सिख...