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निजता का मुद्दा और भारत के निगरानी कानून

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निजता का मुद्दा और भारत के निगरानी कानून           📖📖⤵⤵ संदर्भ              ♻   Amardeepsahudeep  ♻                official youtube channel ⤵⤵ ⤵⤵ कुछ समय पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया, जिसमें 10 सरकारी खुफिया एजेंसियों को किसी के भी कंप्यूटर डेटा पर निगरानी रखने यानी उसे खंगालने का अधिकार दिया गया है। केंद्र सरकार का कहना है कि यह कोई नया आदेश नहीं है, बल्कि IT (Procedure and Safeguards for Interception, Monitoring and Decryption of Information) Rules 2009 में इसका पहले से ही प्रावधान है। IT अधिनियम की धारा 69 की उपधारा (1) के तहत अगर एजेंसियों को ऐसा लागता है कि कोई व्यक्ति या संस्था देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं तो वे उनके कंप्यूटरों में मौज़ूद डेटा को खंगाल सकती हैं और उन पर कार्रवाई कर सकती हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या भारत में प्रचलित निगरानी कानून निजता के लिये खतरा हैं? सुप्रीम कोर्ट ने तय किया था निजता पैमाना पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में निजता को व्यक्ति का मौलिक अधिकार (Fundamental Right) माना था। तब डेटा की सु

अटल बिहारी वाजपेयी Atal Bihari Vajpayee

अटल बिहारी वाजपेयी पर निबन्ध | Essay on Atal Bihari Vajpayee in Hindi Article shared by --   Amardeep Sahu Deep 1. प्रस्तावना : प्रधानमन्त्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी देश के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो अपनी पार्टी में ही नहीं, विपक्षी पार्टी में समान रूप से सम्माननीय रहे हैं । उदार, विवेकशील, निडर, सरल-सहज, राजनेता के रूप में जहां इनकी छवि अत्यन्त लोकप्रिय रही है, वहीं एक ओजस्वी वक्ता, कवि की संवेदनाओं से भरपूर इनका भाबुक हृदय, भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति आस्थावान इनका व्यक्तित्व सभी को प्रभावित कर जाता है । ये देश के सफल प्रधानमन्त्रियों में से एक हैं । इनकी विलक्षण वाकपटुता को देखकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने यह कहा कि- ”इनके कण्ठ में सरस्वती का वास है ।” तो नेहरूजी ने इन्हें ”अद्‌भुत वक्ता की विश्वविख्यात छवि से नवाजा ।” 2. जन्म व शिक्षा: श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में हुआ था । इनके पिता पण्डित कृष्णबिहारी वाजपेयी एक स्कूल शिक्षक थे और दादा पण्डित श्यामलाल वाजपेयी संस्कृत के जाने-माने विद्वान् थे । वाजपेयीजी

समय What is time / how i mange the time / schedule of time

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 मैं समय हूं.. जो मेरी कीमत समझता है, हमेशा आगे बढ़ता है। कहा गया है कि 'आज अगर तुम वक्त को बर्बाद करोगे तो कल वक्त तुम्हें बर्बाद कर देगा।' 'काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में परलय होएगी, बहुरि करोगे कब।' इस बात से शायद आप भी इत्तफाक रखते होंगे। फिर भी क्या कभी आपने सोचा है कि समय का कितना सजग और सार्थक इस्तेमाल कर पाते हैं आप खुद? दरअसल, हम सभी का हमेशा यही रोना रहता है कि हमें वक्त ही नहीं मिलता। लेकिन अगर आप चाहें तो समय पर लगाम कस सकते हैं। इसके लिए समय की कीमत और उपयोग का अंदाजा होना जरूरी है। समय की कीमत का अंदाजा जिन्हें होता है, वे समय पर राज करते हैं। मैनेजमेंट गुरुओं के मुताबिक समय का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए मल्टी टास्किंग बहुत जरूरी है।  ऐसी ही कुछ स्त्रियां, जिन्होंने समय पर लगाम कसी हुई है, सखी उन्हें सलाम करती है। फिर चाहे वह किसी भी क्षेत्र से जुड़ी हों। खरीद लेती हूं समय: किरन बेदी स्त्री घर ही नहीं, बाहर भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रही हैं। ऐसे में घर-बाहर संतुलन बिठाने के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत बड़ी चुनौती बन जात

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