एक नसीहत
ट्रेन में एक 18-19 वर्षीय खूबसूरत लड़की चढ़ी जिसका सामने वाली बर्थ पर रिजर्वेशन था .. उसके पापा उसे छोड़ने आये थे। . अपनी सीट पर बैठ जाने के बाद उसने अपने पिता से कहा "डैडी आप जाइये अब, ट्रेन तो दस मिनट खड़ी रहेगी यहाँ दस मिनट का स्टॉपेज है।" . उसके पिता ने उदासी भरे शब्दों के साथ कहा "कोई बात नहीं बेटा, 10 मिनट और तेरे साथ बिता लूँगा, अब तो तुम्हारे क्लासेज शुरू हो रहे हैं काफी दिन बाद आओगी तुम।" लड़की शायद अध्ययन कर रही होगी, क्योंकि उम्र और वेशभूषा से विवाहित नहीं लग रही थी । ट्रेन चलने लगी तो उसने खिड़की से बाहर प्लेटफार्म पर खड़े पिता को हाथ हिलाकर बाय कहा :- "बाय डैडी.... अरे ये क्या हुआ आपको ! अरे नहीं प्लीज" पिता की आँखों में आंसू थे। ट्रेन अपनी रफ्तार पकड़ती जा रही थी और पिता रुमाल से आंसू पोंछते हुए स्टेशन से बाहर जा रहे थे। लड़की ने फोन लगाया.. "हेलो मम्मी.. ये क्या है यार! जैसे ही ट्रेन स्टार्ट हुई, डैडी तो रोने लग गये.. अब मैं नेक्स्ट टाइम कभी भी उनको सी-ऑफ के लिए नहीं कहूँगी. भले अकेली आ जाउंगी ऑटो से.. अच्छा बाय....