समय What is time / how i mange the time / schedule of time




 मैं समय हूं.. जो मेरी कीमत समझता है, हमेशा आगे बढ़ता है। कहा गया है कि 'आज अगर तुम वक्त को बर्बाद करोगे तो कल वक्त तुम्हें बर्बाद कर देगा।' 'काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में परलय होएगी, बहुरि करोगे कब।' इस बात से शायद आप भी इत्तफाक रखते होंगे। फिर भी क्या कभी आपने सोचा है कि समय का कितना सजग और सार्थक इस्तेमाल कर पाते हैं आप खुद? दरअसल, हम सभी का हमेशा यही रोना रहता है कि हमें वक्त ही नहीं मिलता। लेकिन अगर आप चाहें तो समय पर लगाम कस सकते हैं। इसके लिए समय की कीमत और उपयोग का अंदाजा होना जरूरी है। समय की कीमत का अंदाजा जिन्हें होता है, वे समय पर राज करते हैं। मैनेजमेंट गुरुओं के मुताबिक समय का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए मल्टी टास्किंग बहुत जरूरी है।
 ऐसी ही कुछ स्त्रियां, जिन्होंने समय पर लगाम कसी हुई है, सखी उन्हें सलाम करती है। फिर चाहे वह किसी भी क्षेत्र से जुड़ी हों।

खरीद लेती हूं समय: किरन बेदी

स्त्री घर ही नहीं, बाहर भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रही हैं। ऐसे में घर-बाहर संतुलन बिठाने के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत बड़ी चुनौती बन जाता है।

टाइम मैनेजमेंट क्यों जरूरी है?

समय प्रबंधन तभी जरूरी होता है जब आज जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं, कुछ पाना चाहते हैं। इसके लिए अपनी क्षमताओं को समझना सबसे जरूरी है। सफलता के लिए एक समय एक ही काम पर ध्यान केंद्रित रखना और मल्टीटास्किंग करना बहुत जरूरी है और यह उचित समय प्रबंधन के बिना नामुमकिन है।

आप समय कैसे मैनेज करती हैं?

1. मैं उतना ही काम करती हूं जितना अकेले दम पर कर सकूं। अपना आपा खोए बगैर बहुत सारा काम दूसरों में बांट देती हूं। मैं सुविधाओं के लिए बेहतर पैसा देती हूं, जितना मेरे बजट के मुताबिक होता है। मैं लोगों से खुद के लिए समय खरीद लेती हूं ताकि मेरा समय ज्यादा से ज्यादा बचे और मेरे पास अधिक समय हो।
 2. जहां मुझे 'न' कहना चाहिए, मैं सीधे-सीधे न कह देती हूं। किसी दूसरे को अपने समय के लिए निर्णय लेने नहीं देती।

3. योजना बनाती हूं और काम पूरा कर लेती हूं। अपने समय की कीमत को ऊर्जा की तरह लेती हूं। मैं मल्टीटास्िकग करती हूं। मेरा मानना है कि सुनते हुए चलो, किसी ऊंची टेबल पर बुक रखकर पढ़ते हुए ट्रेडमिल करो, एक्सरसाइज करते हुए टीवी देखो।

4. ज्यादा लक्ष्य हासिल करने के लिए मैं अपनी गतिविधियों को मिला देती हूं और यह सब करने में मुझे अच्छा लगता है।

डेली रुटीन

1. मेरे दिन के हर सेक्शन का अपना फोकस था और आज भी है। पढ़ना, टेनिस, घर, आराम, आत्मविश्लेषण, फिटनेस, मम्मी की मदद करना, खेलना--- जल्दी सोना और जल्दी उठना। मैं समय की कद्र करती हूं, उसकी कीमत को जानती हूं।

कसो समय पर लगाम

1. यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह अपने जीवन में क्या करना चाहता है और कितना करना चाहता है। यह स्वाभाविक रूप से आपको अपने लक्ष्य बिंदु और समय की कीमत की तरफ बढ़ा देगा। तो पहला सवाल खुद से पूछें कि आप क्या बनना चाहते हैं। और क्यों?

बांट देती हूं काम: रितु डालमिया
 हर व्यक्ति की कुछ ख़ूबी होती हैं तो कुछ कमजोरी भी। मेरी कमजोरी है खुद सारा काम करने की। वक्त के साथ मैंने अपनी इस कमजोरी को दूर करने की कोशिश की। मेरे रेस्टरां डीवा के चार आउटलेट हैं। मैं एक राह बना लेती हूं कि फलां दिन मुझे किस रूट पर जाना है। एक जगह पर मीटिंग करती हूं। अब मैंने अपना काम डिस्ट्रीब्यूट करना शुरू कर दिया है। जो मैं कर सकती हूं, करती हूं। बाकी दूसरों को दे देती हूं।

क्यों जरूरी है टाइम मैनेजमेंट?

1. एक इंसान खुद सारा काम नहीं कर सकता। इसलिए प्राथमिकता तय करना जरूरी है। पहले उसे वरीयता दें जो सबसे जरूरी काम हो। खाने का सारा काम मैं देखती हूं और ऑपरेशनल वर्क दूसरों को बांट देती हूं। दिन में 24 घंटे ही होते हैं, उन्हें 28 घंटे नहीं बनाया जा सकता। मैंने अकेले काम करके यह महसूस किया कि बहुत सारी चीजें बाकी रह जाती हैं। अपने लिए क्वालिटी टाइम निकालने की जरूरत महसूस होने लगी। इस तरह मैंने काम को बांटना शुरू किया और अपने लिए कुछ घंटे रख लिए।

2.समय चुटकी में खिसंकता जाता है। आप पीछे छूट गए, जब आपको यह पता चलता है तब तक समय गुजर चुका होता है। इसलिए समय को अधिक से अधिक यूटिलाइज करना जरूरी है।

मूल मंत्र1. अकेले कुछ नहीं हो सकता। किसी काम को नियोजित रूप से पूरा करने के लिए एक टीम तो बनानी जरूरी है। अपने लिए क्वालिटी टाइम निकालना बहुत जरूरी है।

मेरा रुटीन

1. सुबह 9.30-10.30 के बीच अपने घर पर बने जिम में एक्सरसाइज करती हूं। 2. 11.00 बजे मेन्यू मैनेज करने इटैलियन एंबेसी जाती हूं। वहां डेढ़ घंटे रहती हूं। फिर खान मार्केट या डीवा में मेन्यू चेक करती हूं। शाम 4-7 ग्रेटर कैलाश यूनिट जाती हूं।

3. 7.00 से रात 11.00 बजे तक डीवा में पूरे समय किचन में रहती हूं।
4. रविवार को ऑफ रहता है। मूवी देखती हूं, मसाज लेती हूं, एक्सरसाइज करती हूं। बुक्स खरीदती और पढ़ती हूं। पूरा दिन अपने लिए क्वालिटी टाइम निकालती हूं। समय बनाना पड़ता है: रितु नंदा

मैं भी एक आम स्त्री जैसी हूं। मेरे हिसाब से स्त्रियों से बेहतर टाइम मैनेजमेंट कोई नहीं कर सकता। बहुत साल तक घर का सारा काम करती थी। मैं तब भी सब कुछ मैनेज करती थी और आज भी समय को भागने नहीं देती।

जरूरी क्यों है टाइम मैनेजमेंट?

जिंदगी में नियम बनाने बहुत जरूरी हैं। अगर नियम बना लिए जाएं तो समय पर सब काम आसानी से हो सकते हैं। मैं बेटी, बहू, मां, सास, इंश्योरेंस पॉलिसी एजेंट और एक बॉस सभी रोल निभा रही हूं। सभी जगह अपना क्वालिटी टाइम देती हूं। इसके लिए मैंने समय बांट कर रखा है।

समय प्रबंधन आखिर कैसे करती हैं?

1. जीवन में अपनी प्राथमिकताएं तय करना बहुत जरूरी है। इस आधार पर मैं समय को मैनेज करती हूं। मैंने ऑफिस के लिए एक समय बनाया हुआ है। जब तक घर पर रहती हूं सारे काम निबटाती हूं, ताकि ऑफिस पहुंचने के बाद मेरा पूरा दिमाग वहीं हो। उसके बाद बाकी वक्त मेरा होता है।

2. समय बनाना पड़ता है। मैं काम करती हूं अपनी खुशी से। उसमें भी एक कमिटमेंट होता है। मैंने अपने जीवन में कुछ पाने के लिए कुछ छोड़ा है। लेकिन जो छूट गया उसके लिए रोकर समय बर्बाद नहीं किया। अगर समय पर लगाम न लगाई जाए तो सब गड़बड़ हो सकता है।

3. टीम मैनेजमेंट होना चाहिए। उसमें आप अपना रोल अदा करें और बाकी लोगों को अपना करने दें। काम खुद पर ओढ़े रहने से समय हाथ से निकल जाएगा। मैं अकेली नहीं हूं जो इंश्योरेंस का काम कर रही हूं। मेरे पास लोग हैं। एक सिस्टम है, आईटीएस सिस्टम है। उसके तहत सब एक-दूसरे के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं। अगर मैं अकेली एजेंट होती ंतो एजेंट्स की इतनी लंबी कतार कहां से जोड़ती। मूल मंत्र
 1. मैं बतौर बॉस कहना चाहती हूं कि यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि मेरे बिना काम थम जाएगा। हम नहीं गए तो दुकान बंद हो जाएगी। समय चलता रहता है। किसी के जाने या न जाने से वह रुकता नहीं।

2. वक्त किसी के लिए नहीं रुकता। जो करना है, अभी करें। वर्तमान बर्बाद न करें। अतीत में न जिएं। अपने आज को अच्छा बनाएं। कल अपने आप अच्छा हो जाएगा।

3. अपने लिए नियम बनाएं। खुशी आप जहां चाहें पा सकते हैं। अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उससे सीखकर आगे बढ़ते जाएं। छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं और उसमें सफल हों। एटीट्यूड को ताक पर रखकर काम करेंगे तो दूसरे पूरा सहयोग देंगे। हर काम की एक डेडलाइन तय होनी जरूरी है।

्रमेरा रुटीन

1. हफ्ते में दो सुबह 9-10 के बीच मैं पियानो सीखती हूं। मुझे पियानो मास्टर जॉनी रफेल सिखाते हैं। हफ्ते में दो बार सुबह 9-10 योग करती हूं। रोज सुबह अपनी मॉम से बात करती हूं। 11 बजे से पहले तक घर के कामों की प्लानिंग करती हूं।

2. दोपहर 2.30-3.00 बजे लंच करती हूं। उसके बाद काम। हर रोज कोई न कोई नया इश्यू, नई चीजें इंप्लीमेंट करनी होती हैं। ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट जाती हूं।

3. शनिवार और रविवार काम नहीं करती। शुक्रवार की शाम को पति के साथ फार्म हाउस जाती हूं। हम रविवार को फेमिली लंच करते हैं। घर जाकर नियम से मैं 7.30-8.00 बजे धारावाहिक 'बालिका वधू' और 'बंदिनी' देखती हूं। इससे मेरा स्ट्रेस दूर हो जाता है। रात 10.30-11.00 के बीच डिनर करती हूं।

वे कहते हैं
 1. समय प्रबंधन का राज है- समय खर्च न करें बल्कि उसका अधिक से अधिक इस्तेमाल करें।

-स्टीफेन आर, कवरी

2. कभी न कहें कि आपके पास समय नहीं है। आपको भी प्रतिदिन उतने ही घंटे मिलते हैं जितना कि माइकेल एंजलो, मदर टेरेसा, लियोनार्डो दा विंची, थॉमस जेफरसन और एलबर्ट आइंस्टीन को मिला था।

-गुमनाम

3. तीन घंटे जल्दी होना बेहतर है, एक मिनट देरी होने से।

-विलियम शेक्सपीयर

4. समय की चाहत हम सभी को होती है, लेकिन हम इसकी बर्बादी में कोई कसर भी नहीं छोड़ते।

-विलियम पेन

बचत समय की भारत में तकरीबन 60 प्रतिशत लोग इस सबसे बड़ी समस्या से जूझ रहे है कि उनके पास समय ही नहीं है। समय की बचत न सिर्फ हमारी प्रोफेशनल लाइफ में काम आती है, निजी जीवन में भी जरूरी है। मैनेजमेंट गुरु प्रमोद बत्रा से जानें टाइम मैनेजमेंट की कला और समय पर लगाम कसने का मूलमंत्र

1. दिन शुरू करने से पहले काम की सूची निर्धारित करें।

2. अपने मेडिकल से संबंधित अपॉइंटमेंट की एक बुक नोट बनाएं और डॉक्टर से पहले ही समय ले लें ताकि आपको वहां जाकर इंतजार न करना पड़े।

3. बिल ऑनलाइन पेमेंट करें।

4. कागजों के ढेर से बाहर निकलना सीखें। ऑफिस के जरूरी कागजात की एक फाइल बनाएं और जो रफ कागज हों या रद्दी हों उसे फाड़कर बाहर फेंक दें। ह्नअपने कंप्यूटर में ऐसी फाइलें रिसाइकिल बिन में डालें, जो पुरानी हो गई हों या जिनकी अब आपको जरूरत न हो। ताकि आपका कंप्यूटर फास्ट काम करे। लैपटॉप या कंप्यूटर में एंटीवायरस डालें।

5.डेडलाइन जहन में रखें। ई-मेल लॉग ऑफ करना न भूलें, ताकि गोपनीयता बरकरार रहे।

6.ऑफिस का कोई जरूरी काम जब करें तब अपना मोबाइल वॉइस मेल में डालकर स्विच ऑफ करना न भूलें। ताकि बार-बार आने वाली कॉल से आप डिस्टर्ब न हों।

7. टीम वर्क करें। सबके सहयोग से काम जल्दी पूरा हो जाएगा। सहकर्मियों से बातचीत में समय जाया न करे।

8. कल के काम की प्लानिंग रात में ही कर लें। दिन का काम खत्म होते ही दूसरे दिन के लिए काम की लिस्ट तैयार करें।

9. व्यवस्थित रहें। आप व्यवस्थित होंगे तो हर काम अपने आप ही व्यवस्थित हो जाएगा।

10. 'न' कहना सीखें। एक 'न' सौ सुख।

11. सोशल कमिटमेंट कम करे। आपको जो चीजें अच्छी लगें, जिनमें आपको रुचि हो, वही करे। जिंदगी में जो आपकी प्राथमिकताएं हों, उनमें से तय करे कि कौन सी आपके लिए महत्वपूर्ण हैं, कौन सी कम आवश्यक हैं। इस तरह आपके पास कभी समय की कमी नहीं होगी।



साभार  ---- अमरदीप साहू दीप 
Regards --- Amardeep Sahu Deep 

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