अधूरे हमसफ़र के साथ पूरा सफ़र || अमरदीप साहू
#ऐ_ज़िंदगी_मैं_तेरा_मुसाफ़िर_ही_सही_हूँ हम RPSF (Railway Security Special Forces = रेल सुरक्षा विशेष बल) वाले हमेशा सफर में ही रहते हैं। मेरा तबादला हुआ था मेरे पास 3 दिन का समय था नई जगह जाने के लिए इसीलिए 2 दिन के लिए घर जा रहा था, बात 12 अगस्त 2021 की है, ट्रेन में सीट पर पहुँचा ही था कि पीछे से एक सुरीली आवाज आई,... आप सीट बदल लीजिएगा हालाँकि मैं समझौता एक्सप्रेस पर सफ़र नहीं कर रहा था फिर भी मैं मना नहीं कर पाया और मैं साइड लोअर कार्नर सीट पर चला गया। बदले में उसने मुझे ''सुक्रिया सर जी'' कहा मैं भी उसके अभिवादन के बदले मुस्कुराकर उससे कुछ पूछना चाहता था ( शायद उसका नाम या और भी बहुत कुछ क्योंकि उसकी खूबसूरती और शालीन भाव उसकी निडरता मुझे पसन्द आ गयी थी ) पर पूछ नहीं पाया। फिर अपनी लोअर बर्थ की सीट पर लेट गया सोचा आराम कर लूँ पर आँखों में नींद ही नहीं थी शरीर में कोई थकान नहीं थी घर जाने की खुशी भी आज कम लग रही थी. वहां बैठकर वापस देखा तो उस चेहरे को एक टक देखता ही रह गया, दोष मेरी आँखों का था हटने का नाम ही नहीं ले रही थीं। आरंभ से पड़ाव तक बार बार उसको ही देख...