Posts

शिक्षक दिवस Teacher's Day

Image
धूप में छांव जैसी होती है माँ   हमारे जीवन की पहली शिक्षक हमारी माँ होती है।  हम कितने भी ऊँचे ओहदे  पर क्यों न पहुँच जाएँ पर गुरु हमेशा हमसे बड़ा था ,है और रहेगा। जब नन्हा शिशु  इस  संसार में आता है तो उसको इस नए संसार से परिचय कराने वाली हमारी माँ होती है। एक लड़की के लिए सबसे अच्छी मित्र उसकी माँ होती है ठीक वैसे ही एक लड़के के लिए उसका सबसे अच्छा मित्र उसके पिता होते हैं।   अपनी माँ के साथ अमरदीप   पिता तो सुबह ही अपने काम पर चले जाते हैं पर शिशु के देखरेख की जिम्मेदारी उसकी माँ पर होती है।  सुबह की आरती से लेकर, रसोई की खट-पट, छत पर कपड़े-अचार-पापड़ सुखाते हुए, कढ़ाई-बुनाई करते हुए… या फिर बालों में तेल लगाते हुए, रात में लोरी गाते हुए, कहानी सुनाते हुए… खनकती चूड़ियों से सजे हाथों से दिनभर की अपनी तमाम ज़िम्मेदारियां निभाते हुए बातों-बातों में जीवन की न जाने कितनी गूढ़ बातें सिखा जाना… ये हुनर स़िर्फ मां के पास होता है… न कोई क्लासरूम, न कोई किताब, न कोई सवाल-जवाब… वो बस अपने प्यार, अपनी बातों, अपने हाव-भाव से ही इतना कुछ सिख...

स्वार्थ की सीमाओं से परे होता है सच्चा प्रेम

Image
आज की कहानी हमारे अज़ीज मित्र प्रेम  ( MD. at Prem Restaurant Kalpi ) और उनकी संगिनी सीमा ( Manager at BOB , Barra Kanpur ) को समर्पित है  ............ प्रेम सोते-जागते, उठते-बैठते, हरदम सीमा के ख्वाबों में डूबा रहता था। वह बड़ी मुश्किल से सीमा का दिल जीत पाया था। प्रेम अपने माँ-बाप, घर-परिवार किसी भी बात की कोई चिन्ता नहीं करता था, जबकि सीमा चाहती थी कि प्रेम अपने कॅरियर और परिवार पर भी ध्यान दे।  प्रेम यह बात समझने को तैयार ही नहीं था। वह ऑफिस में रहकर भी सीमा के बारे में ही सोचता रहता या फिर घंटों फोन पर उससे बातें करता। सीमा उसे ऐसा करने से मना करती, लेकिन वह नहीं मानता था। अनुशासनहीनता के चलते वह तीन स्थानों से नौकरी गँवा चुका था, लेकिन इसका भी उसे कोई गम नहीं होता था।  बार-बार नौकरी से निकाले जाने के कारण उसे अच्छी नौकरी भी नहीं मिल रही थी। एक बार प्रेम ने अपने खून से 'आई लव यू' लिखे कई पत्र सीमा को भेंट करते हुए अपना हाथ दिखाया जिस पर उसने सीमा का नाम गोद लिया था। यह सब देखकर सीमा गुस्से से चिल्लाई- यह सब क्या है? क्या तुम यह समझते हो कि ऐसा करके किसी भी लड़की ...

कफ़न कहानी प्रेमचंद

Image
झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अन्दर बेटे की जवान बीबी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों की रात थी, प्रकृति सन्नाटे में डूबी हुई, सारा गाँव अन्धकार में लय हो गया था। घीसू ने कहा-मालूम होता है, बचेगी नहीं। सारा दिन दौड़ते हो गया, जा देख तो आ। माधव चिढक़र बोला-मरना ही तो है जल्दी मर क्यों नहीं जाती? देखकर क्या करूँ? ‘तू बड़ा बेदर्द है बे! साल-भर जिसके साथ सुख-चैन से रहा, उसी के साथ इतनी बेवफाई!’ ‘तो मुझसे तो उसका तड़पना और हाथ-पाँव पटकना नहीं देखा जाता।’ चमारों का कुनबा था और सारे गाँव में बदनाम। घीसू एक दिन काम करता तो तीन दिन आराम करता। माधव इतना काम-चोर था कि आध घण्टे काम करता तो घण्टे भर चिलम पीता। इसलिए उन्हें कहीं मजदूरी नहीं मिलती थी। घर में मुठ्ठी-भर भी अनाज मौजूद हो, तो उनके लिए काम करने की कसम थी। जब दो-चार फाके हो जाते तो घीसू पेड़ पर चढक़र लकडिय़ाँ तोड़ लाता और माधव बाजार से बेच लाता और जब तक वह पैसे...

चेकमेट

चेकमेट :-- लड़का और लड़की, शतरंज के खेल में मिले । लड़का, दिलो-दिमाग हारता गया । लड़की खेलती गयी । खेलते खेलते लड़का मारा गया । लड़की ने आखिरी चाल चली और कहा ‘चेकमेट’। लड़का अंतिम सांस लेते हुए बोला ‘पर बात तो "सोलमेट" ( Soulmate ) ढूंढने की हुई थी । ✍✍ -:: अमरदीप साहू "दीप"

दोस्ती यारी ( Love Ishq Pyaar )

Image
दोस्ती पर जीना दोस्ती पर मरना  सच्चा दोस्त न मिले तो दोस्ती न करना दोस्ती फूल है उसको संभाल के रखना  टूटे न दिल किसी का इतना ख्याल रखना 

ट्रेन 18 क्या है ? ( What is Train 18 in Hindi )

Image
इसका नाम ट्रेन 18 इसलिए रखा गया है क्योकि यह ट्रेन सन 2018 में शुरू की गयी  है और मात्र 18 महीनों में बनकर तैयार हुयी है  | ट्रेन 18 की विशेषताएं (Train 18 Features) इस ट्रेन का निर्माण भारत सरकार के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया गया है, जिसे इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई द्वारा 18 महीने की अवधि में डिजाईन एवं तैयार किया गया | इसकी अधिकतम रफ्तार 160 किलोमीटर प्रतिघंटा है, यह शताब्दी ट्रेन की तुलना में 15% तक समय की बचत कर सकती है | इस ट्रेन के पहले रेक की यूनिट कॉस्ट 100 करोड़ रूपये यानि 14 मिलियन यूएस डॉलर है, हालाँकि यह कम भी हो सकती है. इसके अलावा यह अनुमान लगाया गया है, कि यूरोप से आयात होने वाली इसी तरह की ट्रेन की तुलना में यह 40 % तक कम है. इस ट्रेन में मल्टीलेवल लाइटिंग सिस्टम होगा, जोकि एयरक्राफ्ट के समान होगा. इसमें पहले की तुलना में 30% तक की बिजली की बचत की जा सकेगी ट्रेन 18 के दोनों छोर के एरोडायनामिक नर्रोविंग की तुलना जापान से आने वाली बुलेट ट्रेन से की जा रही है. इस ट्रेन के दोनों छोर पर एक ड्राईवर कोच होगा, एवं यह ट्रेन इंजनल...

A list of Blog Posts (Playlist)

Show more

Follow us on Twitter

आपकी आगंतुक संख्या