जिन्दगी विद ऋचा - पंकज त्रिपाठी
दोएक दिन पहले "ऋचा विथ जिंदगी" का एक ऐपिसोड देखा , जिसमे वो पंकज त्रिपाठी से मुख़ातिब हैं । मुझे ऋचा अपनी सौम्यता के लिये हमेशा से पसंद रही है , इसी वजह से उनका ये कार्यक्रम देखता हूँ और हर बार पहले से अधिक उनका प्रशंसक हो जाता हूँ। इसके अलावा सोने पर सुहागा ये होता है कि जिस किसी भी व्यक्तित्व को वे इस कार्यक्रम में लेकर आती है , वो इतने बेहतरीन होते है कि मैं अवाक् रह जाता हूँ।
ऋचा, आपके हर ऐपिसोड से मैं कुछ न कुछ जरुर सीखता हूँ।
अब आते हैं...
अभिनेता पंकज त्रिपाठी पर, जिनके बारे में मैं बस इतना ही जानता था कि वो एक मंजे हुए कलाकार हैं और गाँव की पृष्ठभूमि से हैं। ऋचा की ही तरह मैंने भी उनकी अधिक फिल्मे नहीं देखी। लेकिन इस ऐपिसोड के संवाद को जब सुना तो मजा आ गया। जीवन को सरलतम रुप में देखने और जीने वाले पंकज त्रिपाठी इतनी सहजता से कह देते हैं कि जीवन में इंस्टेंट कुछ नहीं मिलता , धैर्य रखें और चलते रहें ...इस बात को खत्म करते हैं वो इन दो लाइनों के साथ, जो मुझे लाजवाब कर गयी.....
कम आँच पर पकाईये, लंबे समय तक, जीवन हो या भोजन ❤️
इसी एपिसोड में वो आगे कहते है कि मेरा अपमान करना मुश्किल है, मैं कभी अपमानित नहीं होता, आप गाली दीजिए,बेइज्जती कीजिए...मैं लूंगा ही नहीं । वे कहते हैं कि सामने वाला आपको उकसाना चाहे ना और आप न उकसो बल्कि मुस्कुराते रहो तो उसको ज्यादा तकलीफ़ होती है।
पंकज जी, मैंने आपकी अधिक फिल्मे नहीं देखी लेकिन वादा है आपसे , आपकी आने वाली फिल्म 'मैं अटल हूँ ' जरुर देखुंगी।
ऋचा, आप तो मोहब्बत है, आपका गरिमापूर्ण व्यक्तित्व, सधी और खनकती आवाज, सौम्य मुस्कान, कार्यक्रम के लिये चुनी हुए उम्दा हस्तियाँ, आपकी मेजबानी सब सुभानल्लाह है।
यूँ ही मिलती रहें सबसे ❤️🙏
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