जो तुम आ जाते एक बार | कविता - महादेवी वर्मा | Mahadevi Verma |
कितनी करूणा कितने संदेश
पथ में बिछ जाते बन पराग गाता प्राणों का तार तार अनुराग भरा उन्माद राग आँसू लेते वे पथ पखार जो तुम आ जाते एक बार |
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